महिलाओं को मिलने वाले कानूनी अधिकार कौन से हैं?

भारत में महिलयों को देवी का दर्जा दिया जाता है. एक तरफ जहां हम नारी को देवी मानकर पूजते हैं वही दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो महिलाओं के साथ उनकी मर्जी के खिलाफ कुछ बुरे काम करते हैं. देश में महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए सरकार ने महिलाओं को कुछ विशेष अधिकार दिये है जिनके बारे में महिलाओं को पता होना चाहिए.

किसी भी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराने का अधिकार

अगर किसी महिला के साथ कोई घटना घटित हुई है तो उसे ये अधिकार होता है की वो किसी भी पुलिस स्टेशन में अपनी FIR दर्ज करवा सके फिर चाहे वह घटना उस थाना क्षेत्र की हो या ना हो. जिस पुलिस स्टेशन पर वो महिला FIR लिखवा रही है उस थाना इंचार्ज को उस घटना को लिखना अनिवार्य है.

मुफ्त कानूनी सहायता

अगर किसी महिला के साथ बलात्कार जैसी कोई घटना हुई है तो वह इसके लिए मुफ्त कानूनी सहायता ले सकती है. वह इसकी जानकारी पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन को देगी जिसके बाद वह अधिकारी विधिक सेवा प्राधिकरण को इसकी जानकारी देगा. इसके बाद जल्द ही महिला के लिए मुफ्त कानूनी सलाहकार की व्यवस्था की जाएगी.

महिला को छेड़ने पर महिला के अधिकार

अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को किसी भी तरीके से जैसे मौखिक, शारीरिक या सांकेतिक तरीके से छेड़ता है तो यह दंडनीय अपराध है. इस धारा के अनुसार अपराधी पाये जाने पर तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.

बलात्कार होने पर महिला के अधिकार

देश में बलात्कार जैसी घटनाए दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. इसके लिए भी सरकार ने कई कड़े प्रावधान किए है. IPC धारा 376 के तहत नाबालिग लड़की से बलात्कार, 376ए बलात्कार और हत्या, आईपीसी की धारा 376सी परिवारजन या नौकर द्वारा बलात्कार, आईपीसी की धारा 376सी के अंतर्गत गैंगरेप, आईपीसी की धारा 376बी के अंतर्गत शादी के बाद बिना मर्जी के शारीरिक संबंध बनाना भी बलात्कार माना गया है | इन अपराधों के लिए सजा सात साल से लेकर बीस वर्ष तक या उम्र कैद निर्धारित की गयी है |

गिरफ्तारी को लेकर महिला के अधिकार

अगर कोई पुलिस किसी महिला को गिरफ्तार करना चाहती है तो वो उसे रात के समय या सूर्योदय होने से पहले गिरफ्तार नहीं कर सकती. कई विशेष केस में कोर्ट के कहने पर ऐसा किया जा सकता है. इसके अलावा महिला के मान सम्मान की गरिमा बनाए रखने के लिए उनकी चेकिंग के महिला कांस्टेबल का होना जरूरी है.

महिला का नाम उजागर न करने का अधिकार

अगर किसी महिला या लड़की के साथ बलात्कार या यौन उत्पीड़न जैसी कोई घटना हुई है तो उसका नाम कहीं भी उजागर नहीं किया जा सकता. न ही प्रेस में और ना ही मीडिया मे. सभी को उस नाम को गोपनीय बनाकर रखना होता है. इसके अलावा वह महिला किसी महिला पुलिस अधिकारी के साथ जिला अधिकारी को अपना बयान देती है.

महिला हेल्पलाइन नंबर

अगर कोई महिला है जिसके साथ छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न जैसी घटना हो रही है तो इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर है जो सरकार ने जारी किया है. इसे वुमन हेल्पलाइन नंबर कहते हैं. आप अपनी शिकायत 1090 पर कॉल करके कर सकते हैं.

तो ये थे महिलाओं को मिलने वाले कुछ खास अधिकार जो महिलाओं को मुसीबत के समय काम आते हैं. महिलाओं को इनकी जानकारी जरूर होना चाहिए जिससे वे समय पर इनका उपयोग कर सकें.

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