हनुमान जी की विधि-विधान और नियमित रूप से पूजा करने से हनुमान जी कृपा प्राप्त होती है.

हनुमान जी की विधि-विधान और नियमित रूप से पूजा करने से हनुमान जी कृपा प्राप्त होती है.

हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों को किसी भी तरह का रोग नहीं सताता

हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों को किसी भी तरह का रोग नहीं सताता

मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को उनका प्रिय चीजों का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं

मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को उनका प्रिय चीजों का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं

हनुमान जी को सिंदूर अति प्रिय है. मंगलवार और शनिवार के दिन और हनुमान जयंती के दिन उन्हें सिंदूर अर्पित करें

हनुमान जी को सिंदूर अति प्रिय है. मंगलवार और शनिवार के दिन और हनुमान जयंती के दिन उन्हें सिंदूर अर्पित करें

सिंदूर में चमेली के तेल को लगाकर अर्पित करने से बजरंगबली की कृपा प्राप्त होती है.

सिंदूर में चमेली के तेल को लगाकर अर्पित करने से बजरंगबली की कृपा प्राप्त होती है.

शास्त्रों में लिखा है कि हनुमान जी को गेंदे के फूल अति प्रिय हैं,हनुमान जी के चरणों में गेंदे के फूल की माला अर्पित करें

शास्त्रों में लिखा है कि हनुमान जी को गेंदे के फूल अति प्रिय हैं,हनुमान जी के चरणों में गेंदे के फूल की माला अर्पित करें

बजरंगबली को लाल रंग बेहद प्रिय है. इसलिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को लाल रंग का चोला या कपड़ा अर्पित करें.

बजरंगबली को लाल रंग बेहद प्रिय है. इसलिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को लाल रंग का चोला या कपड़ा अर्पित करें.

हनुमान जी की पूजा से शनि देव उन लोगों को कभी परेशान नहीं करते.

हनुमान जी की पूजा से शनि देव उन लोगों को कभी परेशान नहीं करते.

व्रत की पूर्व रात्रि को जमीन पर सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमान जी का स्मरण करें।

व्रत की पूर्व रात्रि को जमीन पर सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमान जी का स्मरण करें।

हनुमान जी बाल ब्रह्यचारी हैं। हनुमान जी की पूजा करते समय ब्रह्यचर्य व्रत का सख्ती से पालन करना चाहिए। 

हनुमान जी बाल ब्रह्यचारी हैं। हनुमान जी की पूजा करते समय ब्रह्यचर्य व्रत का सख्ती से पालन करना चाहिए।