गूगल प्रति सैकेंड 35,700 रूपए कमाता है,
जब भी हमें इंटरनेट पर किसी चीज को सर्च करना होता है तो सबसे पहले हमारे मन में गूगल नाम ही आता है। अब तो एस लगता है जैसे इंटरनेट का पर्याय गूगल है। जब भी हमें किसी की जानकारी प्राप्त करना होता है तो हम गूगल करते है। गूगल की स्थापना सन 1995 में […]
जब भी हमें इंटरनेट पर किसी चीज को सर्च करना होता है तो सबसे पहले हमारे मन में गूगल नाम ही आता है। अब तो एस लगता है जैसे इंटरनेट का पर्याय गूगल है। जब भी हमें किसी की जानकारी प्राप्त करना होता है तो हम गूगल करते है। गूगल की स्थापना सन 1995 में की गई थी। लैरी पेज और सर्जे ब्रिन ने एक सर्च इंजन बनाया जिसे बेकरब नाम दिया लेकिन डोमेन रजिस्टर्ड करने पर इसका नाम गूगल रखा गया। क्या आप जानते है की गूगल प्रति सैकेंड 35,700 रूपए कमाता है।
सन 1998 में गूगल का होमपेज दिखाई दिया। गूगल डूडल लगने के लिए खास लोगो की टीम रखी जाती है जो खजस मोके जैसे दीवाली,राखी,गांधी जयन्ती,पर खास डूडल गूगल के होमपेज पर दिखाई देते है।
2004 में पहली बार गूगल पर जीमेल की शुरुआत की गई। एक अप्रैल 2004 को शुरू की गई जीमेल सेवा लोगो को इतनी पसंद आई की आज हर कोई जीमेल पर अपना अकाउंट बना रहा है। कुछ ही सेकेण्ड में मेल एक सतहन से डसरेद स्थान पर पहुंचने से जीमेल को लोगो में अधित तवज्जो मिली।
गूगल ने 2004 18 अगस्त को पहली बार नैस्डक की लिस्ट में शुमार किया गया। जिसे शुरुआत में ही करीब 19,605,052 पब्लिक शेयर प्राप्त हुए। जिसने भी इस कम्पनी पर पैसा लगाया थाउन्होंने और कम्पनी ने को अत्यधिक मुनाफा हुआ था।
चाँद तक पहुंचने की शमता रखने वाले गूगल ने कीहोल को खरीद कर 2005 में कई एप्लिकेशन की सहायता से गूगल मैप को प्रारम्भ कर दिया।
क्या आप जानते है की गूगल का होम पेज इतना खाली क्यों रहता है इसका करना है सर्ग़ेई ब्रिन और लेरी पेज वैसे जो ज्ञानी थे लेकिन उस समय उन्हें html का अनुभव नहीं था। जिसकी सहायता से वह उसे और भी सुन्दर बना पाते।
सर्च इंजन गूगल 100 मिलियन गीगाबाइट का है जिसका डाटा सेव करने के लिए करीब एक टेराबाइट की लाख ड्राइव की आवश्यकता होगी।
गूगल ने 2006 में यूट्यूब को खरीद कर उस पर अपना स्वामित्व कर लिया।
2008 में गूगल ने न्य ब्राउज़र लांच कर उसे गूगल क्रोम नाम दिया जिसकी सहायता से लोगो को सर्चिंग में आसानी हो गई।