HDR :- आज के Time में हर किसी के पास एक बेहतर स्मार्टफोन (Smartphone) तो होता ही है. Smartphone हमारे रोजमर्रा के कई काम तो करता ही है लेकिन इसका सबसे अधिक Use होता है Photo Click करने में. हम में से किसी को Photos खिंचवाने का शौक होता ही है तो कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें Photo खींचने का शौक होता है.
आप भी यदि Photo खींचने या खिंचवाने के शौकीन है तो आपने भी Phone के Camera (Phone Camera) का उपयोग किया ही होगा. Camera का उपयोग करते वक्त Screen पर HDR (HDR Mode) का Option भी देखा होगा. कई लोग इस Option का Use करते हैं तो कई लोगों को इस Option (HDR Option) के बारे में नहीं पता है. यदि आप भी HDR से अनजान है तो आज क्या आर्टिकल आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम HDR के बारे में खुलकर बातें करने वाले हैं.
HDR क्या होता है? What Is HDR
चाहे आप अब तक HDR के बारे में ना जानते हो लेकिन एक बार इसके बारे में जानकारी लेने के बाद आप इसका इस्तेमाल जरूर करेंगे. सबसे पहले आपको बता दें कि HDR का फुल फॉर्म हाई डायनामिक रेंज (HDR Full Form High Dynamic Range) होता है. जब हम HDR का उपयोग करते हैं तो यहां हमारी Photo को Normal Photo की बजाए और भी Detailing और खूबसूरत Photo बना देता है.
इसका उपयोग Basically किसी भी Photo को खूबसूरत बनाने के लिए किया जाता है. मान लीजिए अपने Normal Mobile के Cameras (Normal Mobile Camera) से कोई Photo खींचा है. इस Photo में कुछ जगह पर अंधेरा है तो कुछ जगह पर रोशनी है. जब हम Normal Phone से यह Photo खींचते हैं तो हमें अंधेरे वाली जगह पर अधिक अंधेरा और उजाले वाली जगह पर अधिक उजाला दिखाई देता है. जबकि यदि हम उस Mobile का HDR Mode On करते हैं तो हमें अंधेरे वाली जगह पर भी रोशनी दिखाई देती है. यानी कि HDR के उपयोग से हम अंधेरे वाली चीजों को भी Detailing के साथ Photos में देख सकते हैं.
HDR का इस्तेमाल कब किया जाता है? When You Can Use HDR
हमेशा HDR का इस्तेमाल अपनी Photo की खूबसूरती बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता है. कई बार ऐसा होता है भरपूर रोशनी होने के चलते Normal Camera से ही हमारे Photo काफी खूबसूरत आते हैं, वही जब इन Photo को HDR में खींचा जाता है तो वे खराब हो जाते हैं. इसी आपको यह जानकारी होना बहुत जरूरी है HDR का Use (Use Of HDR) हमें कब करना चाहिए.
आपको बता दें HDR Mode का इस्तेमाल ऐसी जगह पर किया जाता है जहां पर हमें रोशनी अंधेरा एक साथ दिखाई दे रहा हो. जैसे हम किसी ऐसी जगह का Photo खींचते हैं जहां पर एक तरफ तो काफी रोशनी होती है लेकिन दूसरी तरफ रोशनी काफी कम होती है. ऐसी जगह पर जब HDR Mode का इस्तेमाल (HDR Mode) होता है तो कम रोशनी वाली जगह को भी यह Mode Detail के साथ हमारे सामने पेश करता है.
HDR Mode का इस्तेमाल कब नहीं करें? When You Can Not Use HDR
यदि कोई ऐसी जगह हो जहां पर भरपूर रोशनी हो उस जगह HDR Mode की बजाए Normal Camera से Photo खींचना चाहिए. Normal Camera से ऐसे समय में Photo काफी खूबसूरत आता है HDR में Brightness काफी बढ़ाने के Chance होते हैं. यदि आप किसी Moving Object का Photo Click करना चाहते हैं तब भी HDR Mode का उपयोग ना करें. क्योंकि HDR के द्वारा एक Time में 3 Photo Click किए जाते हैं और इसमें Time लगता है. तब तक आपका Moving Object कहीं और निकल सकता है.
HDR काम कैसे करता है? How HDR Works
इसके लिए हमें यह समझना होगा Normal Camera कैसे काम करता है. (How Does A Normal Camera Work) दरअसल जब Normal Camera से कोई Photo Click करते हैं एक बार में एक ही Photo Click होता है. इस कारण हमें Light का Adjustment साफ-साफ पता नहीं चल पाता है. लेकिन जब हम एक HDR Mode का उपयोग करते हैं एक बार में 3 Photo Click करता है. पहला Photo High Exposure में होता है इस Photo में Light अधिक होती है, दूसरा Photo Low Exposure में होता है इसमें Light कम रहती है. जो Final Photo होता है वह इन दोनों का Communion होता है जो अच्छी Light के साथ बेहतरीन तरीके से खींचा होता है. यहां हमें उजाले का सही इस्तेमाल भी देखने को मिलता है.
High Dynamic Range (HDR) एक ऐसा शब्द है, जो पिछले काफी समय से तकनीक की दुनिया में धूम मचा रहा है। High Dynamic Range का अर्थ है यहां उजाले और अँधेरे के बीच का अंतर . आपने Hdr Mode के बारे में सुना हो होगा । जहा पर आधा Surface फीका है और आधा Bright वहा पर HDR Mode का प्रयोग करता है और कोई भी दृश्य फीके और उजाले के बीच का आता है। Picture बहुत अच्छी आती है वही SDR Mode जो आपका Simple Camera होता है ।
क्या होगा अगर आपके पास ज्ञान तो बहुत है पर उसको Display न कर पाए । इसी प्रकार HDR Mode की अच्छी से अच्छी Photo SDR Screen (Simple Screen ) पर फीकी ही नज़र आती है। क्यकि इन्हे ज्ञान तो बहुत है पर प्रदर्शित करना नहीं आता .इसीलिए Company ने HDR Display निकाला जिससे Real Looks लाये जा सके।
आपको पता होगा पूरी दुनिया में सबसे अच्छा कोई Camera है तो वो हमारी आखें है उसी के बराबर हमारा Display। Phone Companies ने इसी के आधार पर Display पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रही है
HDR Mobile Screen और Normal Screen में अंतर – Difference Between HDR Mobile Screen And Normal Screen
HDR Display किसी भी Images Videos को सटीक ढंग से प्रस्तुत करता है जो HDR Format में Save किया गया हो। ये Simple Screen की तुलना में अधिक रंगीन रंगो और बारीकयो को व्यक्त करता है
HDR Display के तीन Factor होते है
- Brightness
- Contrast
- Colour
ये Simple Screen की तुलना कही अधिक Clear, Visual, Real दिखते है .
HDR Display Brightness
Brightness प्रकाश की मात्रा का वर्णन करता है जो इसे उत्पन्न करता है, जो Screen पर सबसे चमकदार और सबसे Dark Pixels के बीच अंतर को निर्धारित करने में बदल जाता है।
HDR Display के द्वारा उत्पन्न बढ़ी हुई रोशनी, अपने चमकदार Pixels को पहले की तुलना में अधिक चमकदार बनाती है, उन्हें सबसे गहरे रंग से अलग करती है।
यह बढ़ा हुआ Contrast अनुपात अधिक Micro Pixel-To-Pixe परिवर्तन और बेहतर Images उत्पन्न करता है . आपको Colour तो पता ही होगा हम बात करने वाले Color Depth की –
हमारे Smartphone, Laptop Computer , में बहुत सारे Colour देखने को मिलते है पर ये तीन Colour से मिलकर बने होते है. RGB full form in hindi
- R – Red
- G – Green
- B – Blue
Color Depth क्या है ? What is Color Depth
- Colour Depth से पता चलता है कि किसी Display के प्रत्येक Pixel में कितने Bit Data का उपयोग करके Photo या Video में रंगों का उत्पादन किया जा सकता है।
- HDR से पहले, अधिकांश Display 8- Bit Color में सबसे ऊपर हैं। लेकिन नए HDR प्रारूप 10-Bit (या यहां तक कि 12-Bit) Color को Process करते हैं, जिससे संभावित रूप से On-Screen Color विविधताएं तेजी से बढ़ रही हैं।
- हर एक Basic Colour में R,G, B को 8 Bit द्वारा Representative करे तो है । अगर इनके Combination Check करे केवल Red के लिए 2^ 8 = 256 Shades , G के लिए 256 , B के लिए 256
- इन सबको मिला दे 16.5 Millions से ज्यादा Colour Variation देखने को मिलेंगे।
- किसी Colour के विभिन्न रूप को Shades कहते है Eg – Dark Red, Light Red, इत्यादि।
- Human Eye १६ Million से ज्यादा Colour देख सकती है।
- Basic Colour को 10 Bit में Representative करे तो प्रत्येक Basic Colour के लिए 1024 Shades बनेगे। इन सबको मिला दे तो 1 Billion से ज्यादा Colour Variation देखने को मिलेंगे .जिससे संभावित रूप से On-Screen रंग विविधताएं तेजी से बढ़ रही हैं।
- ये SDR और HDR के Display का Difference है ऊपर दी गयी Image में आप HDR में ज्यादा Contrast.ज्यादा Bright Ness, ज्यादा Colour Depth देखने को मिलेगा
Bonus Points
हमारी Screen Pixels से बनी होती है। Pixels छोटे छोटे Dots होते है जो Photo की Details रखते है मतलब हर एक Point की Colour Detail. जिस Phone में Pixels जितने छोटे होते है उसकी Image उतनी ज्यादा Real नज़र आती है उसको उतना फील कर पाते है। आप जब Photo को Zoom करते है तो उसके Pixels दिखने लगते है वो Photo बेकार लगने लगती है। Resolution Pixels से मिलकर बना होता है जितने ज्यादा Pixels उतना बड़ा Resolution होता है जैसे 800 * 800 Resolution। इस Resolution में 640000 Pixels है जो किसी Photo, Video को प्रदर्शित करते है।
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