जिंदगी के अल्फ़ाज फेसबुक के साथ
आज के बदलते दौर और हाईटेक टेक्नोलॉजी की बदौलत आज सारा जहां हमारे आस पास ही घूमता हुआ दिखाई प्रतीत होता है। आज हर कोई चौबीस घंटे आनलाइन रहना पसंद करता है। दिनभर आफिस में काम करने के बावजूद घर आने पर भी फेसबुक या अन्य सोशल साइट्स पर आनलाइन रहते है। जिससे वह अपनी […]
आज के बदलते दौर और हाईटेक टेक्नोलॉजी की बदौलत आज सारा जहां हमारे आस पास ही घूमता हुआ दिखाई प्रतीत होता है। आज हर कोई चौबीस घंटे आनलाइन रहना पसंद करता है। दिनभर आफिस में काम करने के बावजूद घर आने पर भी फेसबुक या अन्य सोशल साइट्स पर आनलाइन रहते है। जिससे वह अपनी जिंन्दगी के कई महत्वपूर्ण कार्यो को नहीं कर पाते है और न ही परिवार को सही समय दे पते है जिससे घर परिवार टूटता दिखाई देता है।
स्कूल कॉलेज या फिर ऑफिस हर पल व्यक्ति के हाथो में मोबाईल या लेपटाप रहता है जिसकी सहायता से वह फेसबुक पर निरंतर अपडेट करता रहता है। बच्चे से लेकर बूढ़े व्यक्ति तक हर कोई फेसबुक पर अपने दोस्तों के साथ चेटिंग करते रहते है। फेसबुक पर दिन भर आनलाइन रहने से बच्चे पढाई पर सही ढंग से ध्यान नहीं दे पाते है। जिस उम्र में बच्चों को पढाई पर ध्यान देना चाहिए उस उम्र में फेसबुक पर अपने से बड़ी उम्र की लड़की के साथ फ्रेंडशिप कर उनके साथ फ्लर्ट करते है।
कई व्यक्तियों का मानना है की मित्रता करने के लिए सबसे बढ़िया साधन फेसबुक को माना है। फेसबुक पर हमें कई सारी जानकारी प्राप्त होती है। जो हमारे लिए जरुरी भी होती है। कई व्यक्ति अपने हर सुख दुःख फेसबुक पर शेयर करते है जिससे समाज पर बुरा असर पढ़ रहा है। पहले बच्चे पढाई को ज्यादा महत्त्व देते थे लेकिन फेसबुक के आने से बच्चे अब पढाई पर काम और फेसबुक पर ज्यादा ध्यान देते है। आज के मत पिता को अपने बच्चों पर ध्यान देने के साथ साथ इस बात से भी अवगत कराना चाहिए की फेसबुक के जितने फायदे है उतने ही नुकसान भी है।