आज के दौर में भी ऐसे कई व्यक्ति है जो हमारी पुराणी सभ्यता को नहीं मानते है, साथ ही हमारे भूतकाल की कुछ गतिविधियों पर भी विश्वाश नहीं करते है. उदहारण के लिए हम रामायण को ले सकते है जैसे कई व्यक्ति कहते है की रामायण की गाथा महज एक मनगढ़त कहानी है. तो कई व्यक्ति कहते है यह कथा सत्य है, लेकिन आज भी ऐसे कई व्यक्ति है जो रामायण पर विश्वाश नहीं करते है.
धरती पर ऐसे कई सवाल है जिनका जवाब आज तक नहीं मिल पाया है लेकिन उस बातो के सबूत आज भी मौजूद है जिससे रामायण की बाते सत्य साबित होती है. जैसे लंका जाने के लिए जिस सेतु का रामायण में जिक्र किया गया था आज भी वह सेतु वहा स्थित है जिसे हम राम सेतु के नाम से जानते है. आज हम आपको इस लेख के माध्यम कुछ ऐसे प्रमाण बताने जा रहे है जिन्हें देखने के बाद जो व्यक्ति रामायण पर विश्वाश नहीं करते है वह भी आज विश्वाश करने पर मजबूर हो जायेंगे.
1. सर्प आकार की गुफा :
कहा जाता है की जिस समय रावण ने माता सीता का हरण किया था तो रावण ने माता सीता को सर्वप्रथम इस स्थान पर रखा था. माता सीता को रखने का प्रमाण आज भी यह गुफा उसी अवस्था में स्थित है. इस गुफा का निर्माण कोबरा साप जैसा है.
2. हनुमान गढ़ी :
जिस समय हनुमान भगवान् से बिछड़ कर उनकी प्रतीक्षा के लिए जिस स्थान पर रहते थे उस स्थान को हनुमान गढ़ी के नाम से जाना जाता है. इस स्थान का पूर्ण जिक्र रामायण में किया गया है. यह स्थान अयोध्या के समीप ही स्थित है. साथ ही वह मंदिर आज भी उस स्थान पर सुसज्जित है.
3. पैर के निशान :
जिस समय भगवान् हनुमान को समुद्र पर माता सीता को खोजने को कहा गया तो हनुमान ने अपना विशाल रूप धारण कर लंका की और प्रस्थान किया था. भगवान हनुमान ने अपने विशालकाय रूप में ही लंका की धरती पर कदम रखा था जिससे भगवान हनुमान के पैरो के निशान वहा बन गए थे.
4. श्री राम सेतु :
जिस समय भगवान् राम को ज्ञात हुआ की माता सीता को रावण ने बंधक बना कर समुद्र पर लंका में छुपा रखा है तो भगवान राम ने राम सेतु का निर्माण कराया . जिससे पूरी वानर सेना के साथ भगवान् राम ने लंका पहुच कर रावण का वध किया था. इस बात का पूर्ण विवरण रामायण में किया गया है जिसका प्रमाण राम सेतु आज भी उसी जगह स्थित है.
5. पानी में तैरते पत्थर :
लंका पहुचने के लिए भगवान राम को पुल बनाने की आवश्यता थी जिसे बनाने के लिए ऐसे पत्थरों को पानी में फेका गया जिन्हें नाल और निल ने छुआ हो वही पत्थर पानी में तेर सकते है. और वही हुआ पत्थरों पर श्री राम लिखकर पानी में फेका गया तो वह तैरने लगे इस बात का प्रमाण तब प्राप्त हुआ जब सुनामी में पल से कुछ पत्थर रामेश्वरम में आ गए थे. जब उन्हें पानी में पुनः डाला गया तो वह पत्थर फिर से पानी में तैरने लगे.
6. द्रोणागिरी पर्वत :
जिस समय भगवान लक्ष्मण युद्ध के दौरान म्रत्यु शैय्या के करीब पहुच गए थे तो हनुमान को ही संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा गया था लेकिन बूटी की पहचान न होने के कारण हनुमान पूरा द्रोणागिरी पर्वत ही लंका ले कर चले गए थे लेकिन जब भगवान राम और रावण का युद्ध समाप्त हुआ तो हनुमान ने द्रोणागिरी पर्वत पुनः अपने स्थान पर रख दिया था.
7. दुर्लभ जड़ी-बूटी :
कहा जाता है की श्रीलंका में कुछ ऐसी जड़ी बूटी के अवशेष मिले है जो काफी दुर्लभ है. कहा जाता है की लक्ष्मण को यही जड़ी बूटी दी गई थी. लंका में संजीवनी जड़ी बूटी का मिलना इस बात का प्रमाण है की रामायण कोई नाट्य कथा नहीं बल्कि सत्य घटना है.
8. अशोक वाटिका :
जब रावण ने माता सीता का हरण किया था तो माता सीता को रावण ने जिस वाटिका में ठहराया था वह वाटिका अशोक वाटिका कहलाई. कहा जाता है की माता सीता अशोक वाटिका में अशोक के पेड़ के निचे ही बैठ कर प्रभु श्री राम के आने का इंतिजार करती थी.
10. लेपाक्षी मंदिर :
कहा जाता है की जिस समय रावण माता सीता का वन में से हरण कर ले जा रहा था तो रावण को रोकने के लिए जटायु ने रावण से युद्ध किया लेकिन वह इसमें सफल न हो पाया. रावण ने आकाश मार्ग से ही जटायु को मार कर जिस स्थान पर फेका था वह स्थान लेपाक्षी मंदिर के नाम से जाना जाता है.
11. विशालकाय हाथी:
रामायण में कहा गया है की लंका की ऱखवाली के लिए मुख्य द्वार पर बड़े आकर के हाथी हुआ करते थे जिसे हनुमान ने महज एक प्रहार से ही धूल चटा दी थी. लंका में आज भी उन बड़े और विशालकाय हाथियों के अवशेष मिल रहे है. जो उन बातो का प्रमाण देते है.
12. लंका के निशान :
रामायण के अनुसार भगवान् हनुमान ने अपनी पूछ से ही लंका में आग लगा दी थी . जिससे वहा की मिटटी का रंग काला हो गया था.
13. अग्नि परीक्षा :
कहा जाता है की जिस समय भगवान राम ने माता सीता को रावण के बंधन से छुड़ाया था तो माता सीता को राम ने अग्नि परीक्षा के लिए कहा. माता सीता ने जिस पेड़ के निचे अग्नि परीक्षा दी थी वह पेड़ आज भी वहाँ पर स्थित है.
14. पंचवटी:
भगवान राम और सीता माता जिस समय अयोध्या नगरी को छोड़कर जिस स्थान पर वनवास के लिए गए थे वह स्थान पंचवटी था. लक्ष्मण ने इसी स्थान पर सूर्पणखा का अभिमान तोड़ने के लिए उनकी नाक काटी थी.
17. रामलिंगम :
रावण एक ब्राम्हण था जिसके वध के बाद भगवान राम पर बम्ह हत्या का पाप लगा था. जिसे हटाने के लिये भगवान राम ने शिव जी की आराधना करनी पड़ी थी तब भगवान शिव ने राम को चार शिवलिंग बनाने के लिए कहा था जिसमे से एक शिवलिंग आज भी यहाँ स्थित है.यह सभी बाते सिद्ध करती है की रामायण कोई सिर्फ कहानी नहीं अपितु एक सत्य कथा है. यह सब उनके सत्यता के प्रमाण है.
बुरे समय में याद रखे यह बाते नहीं मिलेगी असफलता
यह बाते किसी को नहीं बतानी चाहिए..