जानिए भारतीय ध्वज तिरंगे से जुड़ी अहम बातें
भारत के स्वाधीनता दिवस के आते ही भारत देश में कई तरह की तैयारियां शुरू हो जाती है. देश को मिली इस आजादी में भारत के वीर सपूतों की कुर्बानी को याद कर आज भी आखों में आसू आ जाते है. हमारे देश के महान क्रांतिकारियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपने […]
भारत के स्वाधीनता दिवस के आते ही भारत देश में कई तरह की तैयारियां शुरू हो जाती है. देश को मिली इस आजादी में भारत के वीर सपूतों की कुर्बानी को याद कर आज भी आखों में आसू आ जाते है. हमारे देश के महान क्रांतिकारियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. लेकिन क्या हम उस आजादी का सही उपयोग कर रहे है. क्या हम अपने राष्ट्रिय ध्वज का सम्मान करते है.
हमारे देश के क्रांतिकारियों ने राष्टीय ध्वज का सम्मान करते हुए अपने प्राण गवा दिए, लेकिन हम उनकी इन कुर्बानियों को भूल गए है. राष्ट्रिय ध्वज का सम्मान करना हर भारतीय का धर्म एवं कर्तव्य है. शायद आपको पता न हो लेकिन भारतीय कानून के अंतर्गत यदि आप भारतीय ध्वज का अपमान करते है तो आपको तीन वर्ष की जेल भी हो सकती है. या जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
भारतीय ध्वज :
हम जानते ही है की भारत का तिरंगा तीन रंगों से मिलकर बना हुआ है. प्रथम केसरिया, मध्य में सफेद एवं नीचे हरे रंग के साथ ही बिच में चौबीस शलाकाओं वाला चक्र है. यह तीनो रंग ही देश की गरिमाँ को और ऊपर ले जाते है, प्रथम केसरिया रंग जो देश की शक्ति और आत्म बल का संकेत देता है. मध्य सफेद रंग धर्म चक्र के साथ मिलकर देश की सत्यता और धर्म की और संकेत देता है. अंत में हरा रंग भारत देश की भूमि और उसकी उर्वरता को दर्शाता है. ध्वज के बिच में स्थित शलाकाओं वाला चक्र को धर्म चक्र कहा जाता है.
तिरंगे पर पूर्ण अधिकार :
2002 के स्वाधीनता दिवस पर भारत के ध्वंज संहिता कानून में कई तरह के संशोधन किये गए . जिसके चलते सभी व्यक्तियों को पूर्ण रूप से ध्वज फहराने के साथ ही किसी भी समय ध्वज फहराने का पूर्ण अधिकार प्राप्त हुआ.
तिरंगे के नियम :
शायद ही आपको इस बात की जानकारी होगी की भारतीय ध्वज के नियम तोड़ने पर आपको जेल भी हो सकती है (भारतीय ध्वज संहिता) फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति भारतीय ध्वज का अपमान करता है तो उसे तीन वर्ष का कारावास या अर्थ दंड हो सकता है.
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तिरंगे को फहराने के नियम हर भारतीय को ध्यान होना आवश्यक होता है. भारतीय ध्वज को किसी के आगे झुकाना नहीं चाहिए और न हीं तिरंगे को कपड़ा बनाकर उसे पहनना चहिये यदि आपने तिरंगे को कमर से निचे पहना है तो उसे ध्वज का अपमान माना जायेगा, शहीदों के अलावा किसी अन्य मृत व्यक्ति के शरीर पर तिरंगा लपेटना अपराध है.
न फहराने योग्य ध्वज का नष्टी कर :
जो ध्वज फट गए है या ख़राब हो गए है उन ध्वजो को कभी भी नहीं फहराना चाहिए. क्यों की यह तिरंगे का अपमान माना जाता है. इस तरह के ध्वजो को किसी जगह जमीन में गड्डा खोदकर रख दे या किसी भारी वस्तु में लपेटकर पानी में प्रवाहित कर दे ताकि वह किसी के हाथो में न लगे. जब शहीदों के शरीर से भारतीय ध्वज निकाला जाता है तब उसे भी इसी तरह नष्ट किया जाता है. या एकांत में जलाया जाता है.
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तिरंगे का लायसेंस: कर्नाटक के हुबली नामक शहर को ही सिर्फ भारतीय ध्वज बनाने का लायसेंस प्राप्त है. जो पूर्ण रूप से भारतीय ध्वज बनाने एवं उसे सप्लाई करने के लिये निर्धारित किया गया है.
भारतीय ध्वज का अंतरिक्ष सफर: 1984 में पहली बार भारतीय ध्वज ने अंतरिक्ष का सफर किया था. विंग कमांडर राकेश शर्मा ने प्रथम बार तिरंगे के साथ अपनी उड़ान भरी थी.