Teachers Day क्यों मनाया जाता है?

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

गुरु को समर्पित यह पंक्ति जीवन की सबसे खूबसूरत पंक्तियों में एक है, हमारे जीवन में गुरु का स्थान माता-पिता, ईश्वर सभी से ऊपर होता है. इस धरती पर जन्म तो हमें माता-पिता से ही मिलता है, लेकिन हमें अपने जीवन में जीने की शिक्षा कला और कामयाब बनने की शिक्षा सिर्फ और सिर्फ गुरु के द्वारा ही मिलती है. शिक्षक सिर्फ वह नहीं होता है, जो हमें किताबी ज्ञान पड़ाये, बल्कि एक श्रेष्ठ शिक्षक हमें जीवन जीने की कला के साथ किस तरह हमें इस संसार में रहना चाहिए इन बातों से भी अवगत कराते हैं. इस संसार में गुरु-शिष्य का एक अलग ही स्थान होता है. जिस तरह रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के प्यार का प्रतीक होता है, ठीक उसी तरह गुरु-शिष्य के इस अलौकिक रिश्ते को हम शिक्षक दिवस के रूप में 5 September को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं.

भारत देश में गुरु और शिष्य का रिश्ता अद्भुत माना जाता है. शिक्षक चाहे तो वह अपने शिष्य का जीवन बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है. जीवन में कामयाबी तो हर कोई पाना चाहता है, लेकिन कामयाबी की सीढ़ियों पर किस तरह से चलना है, यह सिर्फ हमें अपना गुरु ही सिखाता है. यदि किसी छात्र से उसके जीवन में गुरु का क्या महत्व है? पूछा जाए तो हर कोई यही कहेगा कि गुरु लिए जितने शब्द कहे जाए वह कम पड़ जाएंगे.

किसी ने सच ही कहा है गुरु के बिना ज्ञान नहीं होता यदि आपको ज्ञान मिल भी जाता है, तो वह ज्ञान आपके किसी काम का नहीं होता. गुरु हमें किताबी ज्ञान देने के साथ-साथ उन चीजों से भी अवगत कराते हैं, जो हमें अपने जीवन में सांसारिक गतिविधियों को नजर रखते हुये हमें किस तरह आगे बड़ना है. जीवन में आने वाली परेशानियों से किस तरह से निपटना है और उन विपरित परिस्थितियों से किस तरह हम स्वयं को बचा सकते हैं इन सभी बातों की जानकारी गुरु के अलावा और कोई भी हमें नहीं दे सकता है.

बचपन में हमने गुरु और शिष्य पर कई कहानियां सुनी है, लेकिन गुरु और शिष्य के रिश्ते को और भी अटूट करती हुई एक कहानी आज भी हमारे दिल को छू जाती है, जब द्रोणाचार्य नें एकलव्य से अपना अंगूठा काटकर देने को कहा तो एकलव्य ने अपने गुरु को दक्षिणा स्वरूप बिना कुछ सोचे समझे अपने हाथ का अंगूठा काट कर दे दिया.

आज हम आपको सभी शिक्षकों को सम्मानित करने वाले दिन के बारे में बताने वाले वर्ष में एक बार 5 September को शिक्षक दिवस सभी गुरुजनों के सम्मान के रूप में मनाया जाता है. इस लेख के माध्यम से हम आज आपको बताएंगे कि शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why is teachers day celebrated), पहला शिक्षक दिवस कब मनाया गया? (first teacher’s day celebrated), शिक्षक दिवस का क्या महत्व है? (importance of teachers day), शिक्षक दिवस क्या होता है? (What is teachers day), शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है? (Why is teacher’s day celebrated on 5 september), शिक्षक दिवस का इतिहास क्या है? (History of teachers day), शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखें? (Essay on teachers day in hindi), इन सभी प्रश्नों के जवाब आपको इस लेख में मिल जाएंगे.

शिक्षक दिवस का क्या महत्व है? Importance of teachers day

पहले के समय में शिक्षा हासिल करने के लिए स्कूल नहीं बल्कि गुरुकुल हुआ करते थे, जहा बच्चे शिक्षा हासिल करने जाते थे, उन गुरुकुल मे शिक्षक की जगह गुरु हुआ करते थे. गुरु अपने ज्ञान से सभी बच्चों को ज्ञानी बनाने का निरंतर प्रयास करते हुए जीवन जीने की कला भी सिखाते थे. शिक्षक निरंतर अपने सभी शिष्यों को अपने विवेक से सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते रहते हैं, लेकिन साल में 1 दिन ऐसा आता है जब सभी शिष्य अपने गुरुजनों का विशेष मान सम्मान एवं आदर सत्कार करते हैं. सभी टीचर को धन्यवाद करते हुए और उन्हें आभार व्यक्त करते हुए 5 September को कई तरह के आयोजन भी करते हैं. वर्ष में एक बार जब सभी टीचर और गुरुओं का विशेष आदर सम्मान किया जाता है, जिसे हम शिक्षक दिवस के रूप में जानते हैं.

शिक्षक दिवस क्या है? What is teachers day

शिक्षक या गुरु का अर्थ होता है शिक्षा देने वाला, लेकिन गुरु का स्थान शिक्षा देने तक ही सीमित नहीं है, हमारे जीवन में गुरुओं का स्थान भगवान और माता- पिता से भी ऊपर माना जाता है. माता-पिता तो सिर्फ हमे जन्म देते हैं, और शिक्षक हमें सही और गलत का पाठ पढ़ाते हैं. हमारे अंदर जो अज्ञान का प्रकाश रहता है, शिक्षक उसे अपने ज्ञान के प्रकाश से प्रज्वलित कर हमारे उज्जवल भविष्य का निर्माण करते हैं. हमारे उज्जवल भविष्य बनाने और सही मार्ग दिखाने के चलते ही हम उनका 5 September को हर साल आभार व्यक्त करते हैं, जिसे हम शिक्षक दिवस के रूप में जानते हैं. शिक्षक दिवस हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अलग-अलग दिन मनाया जाता है.

कवि कबीरदास जी ने कहा है :-

सब धरती कागज करूं,
लिखनी सब बनराय,
सात समुन्दर की मसि करूं,
गुरु गुण लिखा न जाय.

महान कवि कबीर दास जी के द्वारा कही गई इन पंक्तियों का आशय है, सभी पृथ्वी को कागज, सभी जंगल को कलम, सातों समंदर को स्याही बना कर लिखने के बावजूद भी गुरु के गुण को लिखा नहीं जा सकता है.

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? Why is Teachers Day celebrated

शिक्षक दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हम सभी शिक्षकों के सम्मान में समर्पित इस दिन को उनके साथ सेलिब्रेट करते हैं. आज का दिन सभी शिक्षकों के सम्मान को समर्पित होता है. सभी छात्रों के जीवन में अपने गुरु का क्या महत्व होता है? उसे समझने और पहचानने के लिए दुनियाभर में हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है. सभी शिक्षक युवाओं के भविष्य को बनाने का काम करते हैं, जिसके चलते शिक्षकों को समाज में सबसे महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है.

भारत में शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं? Why celebrate Teachers Day in India

शिक्षक दिवस सभी देशों में मनाया जाता है, लेकिन सभी देशों में अलग-अलग तारीख को इस अवसर को मनाया जाता है. हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के स्वरूप में उन्हें याद करते हुए और उनके सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. विश्व शिक्षक दिवस और उसके इतिहास के चलते सभी देशों में इसकी तिथियां बदलती है.डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन बहुत बड़े विद्वान शिक्षक थे, उनके छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की उनसे इच्छा व्यक्त की, तो डॉ. राधाकृष्णन ने कहा था कि उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाए तो उन्हें और भी ज्यादा गर्व महसूस होगा. शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान देते हुए हर व्यक्ति उनके जन्मदिन यानी कि 5 September को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा.

डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन है? Who is Dr. Sarvapalli Radhakrishnan

भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन सर्वपल्ली एक विद्वान शिक्षक थे. ब्रिटिश काल में मद्रास प्रेसिडेंसी थिरुट्टानी मैं डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 September 1988 को एक तेलुगु परिवार में हुआ था. मद्रास विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र का अध्ययन कर हिंदू दर्शन के वेदांती शाखा और भी कई महत्वपूर्ण और व्यापक विश्लेषण को प्रस्तुत करते हुए भारत के सबसे अच्छे दर्शन शास्त्रीय और विद्वानों में अपना नाम लिख दिया और वह एक विद्वान दर्शन शास्त्री भी बन गए.

उन्होंने अपने जीवन के अमूल्य 40 वर्ष शिक्षक के रूप में देश के भविष्य को उज्जवल बनाने में दिए. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन पूरी दुनिया को एक स्कूल की तरह मानते थे, उनका कहना था कि जहां से भी कुछ सीखने को मिले उसे सीख कर अपने जीवन में उतारना चाहिए. जब डॉ सर्वपल्ली जी बच्चों को पढ़ाते थे, तो वह बौद्धिक विकास पर ज्यादा जोर देते थे, जब वह बच्चो को पढ़ाते थे, तो काफी खुशनुमा माहौल बन जाता था. 1956 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं? How to celebrate teachers day

जब शिक्षकों के सम्मान की बात आती है, तो कोई भी छात्र पीछे कैसे हट सकते हैं, वह इस दिन को यादगार बनाने के लिए पूरे हर्षोल्लास के साथ शिक्षक दिवस को खास बनाने का प्रयास करते हैं, और अपने शिक्षक को खुश रखने का प्रयास करते हैं. स्कूल और कॉलेज में इस दिन को खास बनाने के लिए काफी समय पहले से ही तैयारियां प्रारंभ हो जाती है, स्टूडेंट अपने पसंदीदा टीचर को अपने तरीके से सम्मानित करते हैं, और उन्हें आकर्षक गिफ्ट देते हैं, साथ ही उनके दिन को खास बनाने का प्यास करते है, ताकि टीचर इस दिन को काफी समय तक याद रख सके और उनके लिए हर पल यादगार बन सके.

शिक्षक दिवस कैसे सेलिब्रेट किया जाता है? How is Teachers Day celebrated

किसी भी सेलिब्रेशन की बात हो रही है तो हम सोशल मीडिया को कैसे भूल सकते हैं, हम स्कूल या कॉलेज में पढ़ रहे हैं, तो हम अपने टीचर को इस दिन की शुभकामनाएं दे सकते हैं, यदि आपने स्कूल या कॉलेज छोड़ दिया है, तो इस कंडीशन में इस यादगार पल को सेलिब्रेट करने का सबसे आसान और बेस्ट तरीका सोशल मीडिया है.

सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हम अपनी टीचर को बधाई देते हुए कई तरह के टैक्स मैसेज या कुछ स्पेशल ग्रीटिंग कार्ड भेज सकते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हम अपने स्कूल या कॉलेज की पुरानी तस्वीरों को शेयर करते हुए अपने टीचर्स को टैग करके सेंड करते हैं. टीचर्स डे आने से पहले रंगीन माहौल हो जाता है. जो बच्चे स्कूल या कॉलेज से अपनी पूरी पढ़ाई करके निकल गए हैं, उनके लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म बहुत ही बढ़िया जगह है, जिसका यूज़ करते हुए वह अपने टीचर को इस पर्व की शुभकामनाएं देते हुए उनका आशीर्वाद ले सकते हैं.

शिक्षक दिवस पहली बार कब मनाया गया? teachers day first celebrated

भारत में पहली बार शिक्षक दिवस 5 September 1962 को मनाया गया था. आज के दिन डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था, शिक्षा के क्षेत्र में सर्वपल्ली जी का महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान मे रखते हुए और उन्हें याद करते हुए हर वर्ष 5 September को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा. सर्वपल्ली जी का ऐसा मानना था, कि दुनिया में शिक्षक के दिमाग से बेहतर दिमाग नहीं होता है.

दूसरे देश में कब मनाया जाता है शिक्षक दिवस? which date is the teachers day celebrated in another country

भारत के अलावा दूसरे देशों में भी शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जिस तरह भारत में 5 September को टीचर्स डे/ शिक्षक दिवस मनाया जाता है, उसी तरह दूसरे देशों में अलग-अलग तारीख को इस दिन को मनाया जाता है.
date of teachers day celebrated in another country 

– India:- 5 September
– US :- Tuesday of the first week of May
– Thailand :- 16 January
– Iran:- 2 May
– Turkey :- 24 November
– Malaysia :- 16 May
– China :- 10 September
– Argentina :- 11 September
– Albania :- 7 March
– Australia :- Last Friday of October
– Brazil :- 15 October
– Chile :- 16 October
– Czech Republic (चेक गणराज्य) :- 28 March
– Ecuador :- 13 April
– El Salvador :- 22 June
– Hong Kong :- 12 September
– Hungary :- First Saturday of June
– Indonesia :- 25 November
– Iran :- 2 May
– Malaysia :- 16 May
– Mexico :- 15 May
– Mongolia :- First week of February
– Pakistan :- 5 October
– Peru :- 6 July
– Philippines :- 5 October
– Poland :- 14 October
– Russia :- 5 October
– Singapore :- 1 September
– South Korea :- 15 May
– Taiwan :- 28 September
– Thailand :- 16 January
– Turkey :- 24 November
– Vietnam :- 20 November

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