21वी सदी टेक्नोलोजी का युग माना जाता हैं. या अगर कहे कि मॉर्डन युग Google का युग है तो कोई गलत बात नहीं होगी. आज आम आदमी अपनी दैनिक जरूरतों के साथ-साथ हर जरुरी कामों में Google Search का इस्तेमाल करता हैं. चाहे कही का Location जानना हो, तापमान की जानकारी लेना हो, अपने समीप के रेस्टोरेंट ढूढ़ना हो या फिर सिनेमाहाल की जानकारी निकालनी हो.
अब तो आपके समीप बने हुए टॉयलेट की जानकारी भी प्राप्त हो जाती हैं. ऐसे में अब यह बात सोचने वाली है कि आखिर तक सभी लोगों की जानकारी किस तरह पहुंचती हैं. कैसे गूगल हर व्यक्ति की सटीक लोकेशन (Exact location) की जानकारी को बता देता हैं? आइये तो फिर आज हम आपको इसी विषय में बताएंगे कि आखिर गूगल तक हर किसी की सही जानकारी कैसे पहुंचती हैं.
गूगल के पास पहुंचता है सबका डाटा
जैसा की आपको हमने बताया कि गूगल को भी हर जानकारी के लिए डाटा की आवश्यकता होती हैं. और ऐसे में गूगल के पास केवल एक स्त्रोत के माध्यम से डाटा नहीं आता, बल्कि अलग-अलग स्त्रोतों से गूगल के पास डाटा पहुंचता हैं.
गूगल के अंदर मौजूद कई तरह के Features भी गूगल को अलग अलग तरह से डाटा पहुंचाते हैं. जिससे गूगल के पास डाटा एकत्रित होता जाता हैं. यही Data Google को हर सर्च की गई वस्तु की जानकारी अपने यूजर्स को देने में सहायता करता हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि गूगल के ये फीचर्स कौन कौन से हैं. साथ ही ऐसे कौन से सोर्स है जो गूगल के पास डाटा पहुंचाते हैं.
डाटा पहुंचाने वाले स्त्रोत
वैसे तो गूगल के पास से कई स्त्रोतों से डाटा पहुंचता हैं, लेकिन हम आपको अपने इस बिंदु में गूगल के पास पहुंचाने वाले स्त्रोतों के बारे में जानकारी देंगे. गूगल को डाटा पहुंचाने वाले इन स्त्रोतों में मैप पार्टनर प्रोग्राम (Map Partner Program) भी अहम होता हैं.
इस प्रोग्राम के माध्यम कई तरह की एजेंसियां गूगल को विस्तृत वेक्टर डेटा प्रदान करती हैं. जिससे गूगल के पास अंक, रेखा के रूप में दुनिया भर का डाटा उपलब्ध हो जाता हैं. आपको बता दे कि गूगल के साथ इस पार्टनरशिप प्रोग्राम में कई तरह की एजेंसियां होती है, जिनमे US Geological Survey, USDA नेशनल सर्विस और दुनिया भर के विभिन्न तरह के शहर शामिल हैं.
इसी के साथ ही कई छोटी मोटी एजेंसियां भी इस तरह का कार्य करती हैं. आपको बता दे की गूगल के साथ इस तरह के पार्टनरशिप प्रोग्राम में कोई भी एजेंसी जुड़ सकती है, और गूगल को डाटा उपलब्ध करा सकते हैं. इसके साथ ही Google Street View Data से भी जानकारी प्राप्त करता है.
इसके माध्यम से जलमार्गों का सीमांकन, बदलती सीमाओं का सीमांकन और नए पथ को प्रदर्शित किया जाता हैं. जिससे यह आधार मानचित्र को पूर्ण रूप से अपडेट रखने में सहायता प्रदान करता हैं. आपको बता दे कि डेटा इमर्सिव मीडिया नाम की कम्पनी इस तरह का डाटा प्रदान करती हैं. तात्कालिक समय में आप भी इस तरह का डाटा गूगल को दे सकते हैं.
उपग्रह से मिलता है डाटा
अभी तक आपने पढ़ा की किस तरह गूगल को उसके Partnership Program के तहत एजेंसियों द्वारा डाटा मिलता हैं. साथ ही आपने पढ़ा कि गूगल स्ट्रीट व्यू के माध्यम से भी डाटा को प्राप्त करता हैं. लेकिन इसी के साथ ही गूगल को उपग्रह से भी जरुरी डाटा मिलता हैं.
गूगल को यह जानकारी गूगल अर्थ के द्वारा मिलती हैं. गूगल अर्थ उपग्रहों द्वारा ली गई हाई रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों (High Resolution Photos) को एक साथ जोड़ देता हो और इसी रूप में वह हमें पेश करती हैं. अब आप सोच रहे होंगे की किस तरह गूगल को यह हाईरिज़ॉल्यूशन तस्वीरें मिलती हैं? कौन से ऐसे उपग्रह है, जो गूगल अर्थ को यह तस्वीरें देते हैं.
यह प्रकिया कैसी होती हैं? तो आपको बता दे कि Google Map, Google Earth के माध्यम से लैंडसैट 8 उपग्रह के उपयोग के द्वारा इस तरह कि हाई रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों को प्राप्त करता हैं. तथा यह तस्वीरें अपने यूजर्स को प्रदान करता हैं. बता दे कि गूगल को उपग्रह तस्वीरें देने वाला यह इमेजरी रिज़ॉल्यूशन 15 मीटर से 15 सेंटीमीटर तक का होता हैं. इसी के साथ ही गूगल, अर्थ के ज्यादातर भाग का डाटा या तस्वीर लेने के लिए धरती नासा के शटल राडार टोपोग्राफी मिशन के द्वारा एकत्रित किए मॉडल का उपयोग करता हैं.
जिसे डिजिटल उन्नयन मॉडल (Digital Upgrade Model) कहा जाता हैं. हालांकि इस सर्विस का उपयोग करने के लिए गूगल, नासा को कितने रूपए भुगतान करता हैं, यह बात हमें नहीं पता, क्योकि कुछ बाते और डील दो कम्पनियों का निजी और कांफिडेंसल मामला होता हैं.
इसी के साथ ही गूगल कुछ अन्य तरीकों से भी डाटा एकत्रित करता हैं, जिसमे हमारे फोन की भी अहम भूमिका हैं. दरअसल आजकल हर किसी के पास स्मार्टफोन हैं. तथा हर स्मार्टफोन में Location Feature होता हैं. इसी फीचर के माध्यम से भी गूगल डाटा को प्राप्त करता हैं.
आशा है आपको यह बात समझ में आई होगी कि गूगल को किस तरह से डाटा मिलता हैं. किस तह वहा हमें यह बता देता है कि हम किस जगह पर खड़े हैं. तथा जैसे ही हम Google पर कोई लोकेशन या कोई भी प्लेस को सर्च करते है, तो वह हमें तुरंत उसके विषय में जानकारी दे देता हैं.
यह सब गूगल के पास मौजूद डाटा के कारण होता हैं. इस बात को हम कुछ इस तरह भी समझ सकते है, जैसे हम हमारे स्मार्टफोन पर सर्च करते है कि पास का सिनेमाहाल, तो गूगल हमें कई तरह के ऑप्सन दिखाता हैं. हम अपने द्वारा किसी एक ऑप्शन का चुनाव कर सकते हैं. यह सब गूगल को उसके सोर्सेज और उसके पार्टनरशिप प्रोग्राम के माध्यम से ही पता चलता हैं.
उम्मीद है कि हमारे इस लेख से आपको इस बात की जानकारी तो हो गई होगी कि गूगल के कई Sources है, जो उसे डाटा प्रदान करते हैं. आप भी गूगल के इन सोर्स में से एक हैं. अब जब भी आपसे कोई पूछे की यार गूगल को सारी जानकारी कहां से मिलती है, तो आप उसे एक लाइन में जवाब देकर कह सकते हैं, कि ये सब जानकारी गूगल को हमसे मिलती हैं.
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